bhaye pragat kripala deendayala

Shri Krishna Stuti in Hindi ।। श्री कृष्ण जन्म स्तुति | भये प्रगट कृपाला दीन दयाला ,यशुमति के हितकारी ।

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bhaye pragat kripala deendayala

 

 

 

भगवान को केवल भक्ति से ही पाया जा सकता है और उनकी भक्ति का सबसे आसान तरीका है नाम संकीर्तन। तुलसीदास जी ने भी मानस में कहा है “कलियुग केबल नाम आधारा”। इस कलि -काल में जब योग, यज्ञ, जप, तप आदि साधन संभव नहीं रह गए हैं तब केवल प्रभु के प्यारे नामों का ही सहारा है। तो आइये भक्ति सहित प्रभु श्री कृष्ण के प्राकट्य अवसर पर उनकी स्तुति गाकर उन्हें प्रसन्न करें और उनकी कृपा तथा आशीर्वाद प्राप्त करें । 

 

 

shri krishna janm stuti

 

 

 

।। श्री कृष्ण जन्म स्तुति ।।

भये प्रगट कृपाला दीन दयाला ,यशुमति के हितकारी ।

हर्षित महतारी रूप निहारी,मोहन मदन मुरारी ॥ १॥

कंसासुर जाना अति भय माना ,पुतना बेगि पठाई ।

सो मन मुसुकाई हर्षित धाई ,गई जहाँ जदुराई ॥ २॥

तेहि जाइ उठाई ह्रदय लगाई,पयोधर मुख में दीन्हें ।

तब कृष्ण कन्हाई मन मुसुकाई ,प्राण तासु हरि लीन्हें ॥ ३॥

जब इन्द्र रिसाये मेघ बुलाये ,वशीकरण ब्रज सारी ।

गौवन हितकारी मुनि मन हारी,नखपर गिरिवर धारी ॥ ४॥

कंसासुर मारे अति हंकारे,वत्सासुर संहारे ।

बक्कासुर आयो बहुत डरायो,ताकर बदन बिडारे ॥ ५॥

अति दीन जानि प्रभु चक्रपाणी,ताहि दीन निज लोका ।

ब्रह्मासुर राई अति सुख पाई ,मगन हुये गये शोका ॥ ६॥

यह छन्द अनूपा है रस रूपा,जो नर याको गावै ।

तेहि सम नहिं कोई त्रिभुवन माँहीं ,मन-वांछित फल पावै ॥ ७॥

दोहा -नन्द यशोदा तप   कियो,मोहन सो मन लाय ।

          तासों हरि तिन्ह सुख दियो ,बाल भाव दिखलाय ॥

krishn janm stuti

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